कोई दीवाना कहता है - कुमार विश्वास | Koi Deewana Kehta Hai - Kumar Viswas

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ।
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है ।।
मैं  तुझसे  दूर  कैसा  हूँ ,  तू  मुझसे  दूर कैसी  है ।
ये तेरा दिल समझता  है या मेरा दिल समझता है।।

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है ।
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है ।।
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं ।
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है ।।

समंदर पीर के अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता ।
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता ।
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले ।
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता ।।

भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा।
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा।।
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का।
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा।।

कवि का नाम -
कुमार विश्वास
Koi deewana kehta hai - kumar viswas
Kumar Vishwas


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